वाराणसी : विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में अभी वक्त है, लेकिन यदि राजनीतिक दलों की तैयारियों को देखे तो ऐसा लगेगा कि जैसे चुनाव का ऐलान हो चुका है. सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने चुनावी समीकरण बैठाने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने वाराणसी की जनसभा में केंद्र और यूपी की योगी सरकार पर जमकर हमला किया. लखीमपुर में हुई हिंसा के मामले में प्रियंका ने कहा कि सीएम सार्वजनिक मंच से मंत्री को बचा रहे हैं. पीएम 'उत्तम प्रदेश' और आजादी का अमृत महोत्सव के प्रदर्शन को देखने लखनऊ आए लेकिन पीड़ित परिवारों का दुख साझा करने लखीमपुर खीरी नहीं जा सके.
प्रियंका ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को 'आंदोलनजीवी' और आतंकवादी कहा. योगी जी ने उन्हें गुंडे कहा और उन्हें धमकाने की कोशिश की. वहीं मंत्री (अजय कुमार मिश्रा) ने कहा कि वह 2 मिनट के भीतर विरोध करने वाले किसानों को लाइन में लगा देंगे.
प्रियंका ने कहा कि देश-विदेश घूमने वाले प्रधानमंत्री अपने आवास से कुछ दूरी पर बैठे किसानों से बात नहीं कर सकते. पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री अमेरिका जा सकते हैं, जापान जा सकते हैं, देश विदेश घूम सकते हैं, लेकिन अपने घर से 10 मिनट दूर बैठे किसानों से बात नहीं कर सकते.'
उन्होंने यह दावा किया कि इस सरकार की वजह से देश में लोग न्याय की उम्मीद छोड़ चुके हैं. उन्होंने सवाल किया, 'अगर सरकार, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सभी मिले हुए हैं और किसानों की तरफ से मुंह मोड़ लें तो लोग क्या करें?'
उन्होंने कहा, 'इस देश में गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को गाड़ी के नीचे कुचल दिया. लेकिन प्रशासन उसे बचाने में लगा रहा... कहीं ऐसा नहीं हुआ होगा कि हत्या के आरोपी को पुलिस निमंत्रण दे कि आपसे पूछताछ करनी है.'
प्रियंका ने कहा कि किसान 300 दिनों से अधिक समय से विरोध कर रहे हैं, इस दौरान 600 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. वे विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी आय, भूमि और फसल इस सरकार के अरबपति मित्रों के पास जाएगी.
बकौल प्रियंका, जो सच्चाई उन्होंने उत्तर प्रदेश में पिछले 2 सालों से देखी है, वह सच्चाई जनता के सामने रखना चाहती हैं. उन्होंने कहा, यहां से कुछ ही दूर सोनभद्र में एक घटना हुई, 13 आदिवासी खेत में काम कर रहे थे. जब पुलिस प्रशासन की सहमति से कुछ लोग उनकी जमीन लेने की कोशिश कर रहे थे. वह लोग ट्रैक्टर-जीप लेकर आते, गोली चलाई और 13 आदिवासियों को शहीद किया, सोनभद्र में नरसंहार हुआ.
सोनभद्र का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा कि जब वे पीड़ितों से मिलने गईं, मन में एक बात स्पष्ट लगी. उन्होंने कहा कि जिस परिवार के पास वे सोनभद्र जा रहीं थीं, वे कह रहे थे कि हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए. लेकिन हमें न्याय की उम्मीद नहीं है.
बकौल प्रियंका, सोनभद्र में पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान युवक के पिता जी ने मुझे बताया कि उन्हें घर के बाहर निकाल कर पीटा गया था, उनके बच्चों को धमकाया गया था, उनकी 9 साल की पोती को भी धमकाया गया था. लेकिन उनको न्याय की कोई उम्मीद नहीं थी, वह सिर्फ न्याय चाहते थे. प्रियंका ने कहा कि उन मामलों में भाजपा के एक पूर्व विधायक, भाजपा के एक प्रधान के बेटे, भाजपा के एक कार्यकर्ता; तीनों मामलों में वे शामिल थे.
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने 'जय माता दी' के उद्घोष के साथ भाषण की शुरुआत की. उन्होंने सोनभद्र के अलावा उन्नाव और हाथरस की घटनाओं सहित कोरोना महामारी की दूसरी लहर का भी उल्लेख किया और भाजपा सरकार पर निशाना साधा.
बता दें कि बाबतपुर एयरपोर्ट पर उनका हवाईजहाज लैंड हुआ. उनके स्वागत के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, अजय राय, प्रमोद तिवारी आदि नेता मौजूद रहे.
कांग्रेस ने अपने ट्विटर पर लिखा कि महासचिव प्रियंका गांधी 'किसान न्याय रैली' में किसानों की न्याय की आवाज बुलंद करने के लिए वाराणसी पहुंची. किसानों की न्याय की लड़ाई को एकजुट होकर लड़ेंगे और हमारे किसानों को न्याय दिलाकर रहेंगे.
दूसरी तरफ, प्रियंका गांधी के दुर्गाकुंड मंदिर जाने पर विवाद देखा गया है. संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द ने उनके मंदिर आने पर सवाल उठाए है. उन्होंने नवरात्रि में गैर हिंदुओं से खरीददारी न करने की अपील की है.
अपने वाराणसी दौरे की शुरुआत प्रियंका गांधी ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन से की. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू समेत कई बड़े नेता भी मौजूद थे. प्रियंका गांधी ने विधिवत षोडशोपचार विधि से भगवान विश्वनाथ का पूजन किया. इसमें पंचामृत स्नान कराने के साथ ही बाबा भोलेनाथ को हल्दी, कुमकुम और भस्म अर्पित की गई.
प्रियंका गांधी को बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद के तौर पर रुद्राक्ष की माला और एक बनारसी साड़ी का दुपट्टा आशीर्वाद में दिया गया है. बाबा विश्वनाथ के दरबार में प्रियंका गांधी लगभग 10 मिनट तक रही और उन्होंने पहले गंगाजल से और फिर दूध से बाबा विश्वनाथ का अभिषेक संपन्न किया. रुद्री के पांचवें अध्याय के 16 मंत्रों से बाबा विश्वनाथ का विधिवत पूजन संपन्न कराया गया. इसके बाद प्रियंका गांधी दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा देवी मंदिर के लिए प्रस्थान कर गईं.
प्रियंका गांधी थोड़ी ही देर में किसान न्याय रैली के लिए रवाना होंगी. रैली को लेकर प्रशासन सतर्क है. वहीं, प्रियंका गांधी का विरोध करने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है. प्रियंका की रैली को लेकर कई बागी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. जगह-जगह सादे कपड़ों में खुफिया विभाग के अधिकारियों की विशेष तैनाती की गई है. काफिले के लंबे रुट को देखते हुए पूरे रूट पर पुलिस बल तैनात है. वहीं, रैली को लेकर कई रास्तों पर डायवर्जन किया गया है.
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बता दें कि प्रियंका यहां किसान न्याय रैली को संबोधित करेंगी. रैली को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. वहीं, प्रियंका गांधी का विरोध करने वालों पर पैनी नजर है.
जगतपुर मैदान से देंगी जगत कल्याण का संदेश
प्रियंका की चुनावी रैली को लेकर के कांग्रेस नेता अजय राय ने बताया कि प्रियंका गांधी पूरे उत्तर प्रदेश को एक नया संदेश देने वाली हैं. वे अपनी इस रैली में जनता से सात वचन निभाने का वादा करेंगी. सरकार के आने पर वे उन वादों को निभाएंगी. यह रैली जनता, किसान, बुनकर सभी के हित की रैली है.
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प्रियंका के वाराणसी दौरे के मद्देनजर राजनीतिक विश्लेषक प्रो. रवि प्रकाश पांडे ने बताया कि देश के आजाद होने के बाद राजनीतिक परिदृश्य अलग था. उस समय सियासतदानों को लगता था कि बहुसंख्यक समाज के साथ यदि अल्पसंख्यक समुदाय को अपने खेमे में शामिल कर लिया गया तो सत्ता उनकी होगी. लेकिन 2014 चुनाव के समय एक नया वैचारिक दबाव देखने को मिला. जहां यह स्पष्ट किया गया कि यदि बहुसंख्यक समाज को ठीक तरीके से अपने साथ शामिल कर लिया गया तो भी सत्ता पर काबिज किया जा सकता है. वहीं, हिंदुत्व वैचारिकी का दबाव है कि प्रियंका गांधी बनारस में एक धार्मिक सियासी यात्रा करेंगी.
प्रियंका गांधी पर हिदुत्व वैचारिकी का दबाव !
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का धर्म अलग है. वे हिंदू धर्म के लोगों के साथ संबंध निभा सकती हैं, लेकिन मंदिर जाना एक वैचारिक दबाव है. उन्होंने कहा कि यदि इसे एक और नजरिए से देखें तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और बनारस से चुनावी हुंकार भरना यानी कि प्रधानमंत्री से है टक्कर लेना. ऐसे में यह एक चर्चा का विषय बन जाता है और लाइमलाइट भी मिलता है तो कहीं न कहीं प्रियंका उस लाइमलाइट का भी फायदा लेना चाहती हैं.
पूर्वांचल की सियासत में हमेशा से काशी केंद्र में रहा. 2014 के बाद उसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई. क्योंकि, यह सियासी केंद्र होने के साथ-साथ अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी बन गया है. यही वजह है कि हर पार्टी का नेता बनारस आ करके अपनी सियासत को मजबूत करने में जुटा रहता है. बनारस में धार्मिक दर्शन कर जनता को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. इसी क्रम में एक नई ऊर्जा प्राप्त कर प्रियंका भी बनारस आ रही हैं, जहां वह धार्मिक दर्शन कर कहीं न कहीं एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास करेंगी.
प्रियंका गांधी की रैली में मंच पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे. इनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, पूर्व लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सलमान खुर्शीद, प्रदीप जैन, राजेश तिवारी, बाजीराव खाड़े, राजेश मिश्रा, अजय राय, आराधना मिश्रा, राजेश्वर पटेल, राघवेंद्र चौबे शामिल रहेंगे.